क्या हम “अन्तिम दिनों” में जी रहे हैं? बाइबल में हमारे दिनों के बारे में क्या भविष्यवाणियाँ की गयी थीं? “अन्तिम दिनों” में लोग कैसे होंगे, इस बारे में परमेश्वर का वचन क्या कहता है? “अन्तिम दिनों” में कौन-सी अच्छी घटनाएँ होंगी, इस बारे में बाइबल में पहले से क्या बताया गया है? 1. हम भविष्य के बारे में कहाँ से जान सकते हैं? क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि टीवी पर समाचार देखने के बाद, आपने कहा हो: ‘इस दुनिया का न जाने क्या होगा?’ बड़े-बड़े हादसे इतने अचानक और पलक झपकते हो जाते हैं कि कोई इंसान नहीं बता सकता कि कब क्या होगा। (याकूब 4:14) मगर यहोवा बता सकता है कि भविष्य में क्या होगा और यह उसने बहुत पहले से अपने वचन, बाइबल में लिखवाया भी है। (यशायाह 46:10) बाइबल में न सिर्फ हमारे दिनों में होनेवाली बुरी घटनाओं के बारे में बताया है, बल्कि यह भी बताया गया है कि बहुत जल्द भविष्य में कैसी अनोखी और अच्छी घटनाएँ घटेंगी। 2, 3. यीशु के चेलों ने उससे क्या सवाल पूछा, और उसने क्या जवाब दिया? 2 यीशु मसीह लोगों को सिखाता था कि परमेश्वर का राज्य बहुत जल्द बुराइयों का अंत कर देगा और इस धरती को एक फिरदौस बनाएगा। (लूका 4:43) जब लोगों ने यीशु की यह बात सुनी, तो वे जानना चाहते थे कि यह राज्य कब आएगा। उसके चेलों ने तो उससे यहाँ तक भी पूछा: “तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (मत्ती 24:3) जवाब में यीशु ने उनसे कहा कि सिर्फ यहोवा परमेश्वर जानता है कि अंत ठीक किस वक्त आएगा। (मत्ती 24:36) मगर यीशु ने यह ज़रूर बताया कि उस राज्य के आने और दुनिया में सच्ची शांति और सुरक्षा कायम होने से पहले धरती पर क्या-क्या घटनाएँ घटेंगी। उसने भविष्यवाणी में जो-जो कहा वही सब आज हमारे दिनों में घट रहा है! 3 हम “जगत के अन्त” के समय में जी रहे हैं, इस बात के सबूतों की जाँच करने से पहले आइए कुछ देर के लिए उस युद्ध पर ध्यान दें जो स्वर्ग में लड़ा गया था। हालाँकि कोई भी इंसान इस युद्ध को नहीं देख सका, लेकिन इसका जो अंजाम हुआ उसका असर आज हम सब पर हो रहा है। स्वर्ग में युद्ध 4, 5. (क) यीशु के राजा बनने के फौरन बाद स्वर्ग में क्या हुआ? (ख) प्रकाशितवाक्य 12:12 के मुताबिक, स्वर्ग में हुई लड़ाई का क्या नतीजा निकला? 4 इस किताब के पिछले अध्याय में समझाया गया था कि यीशु मसीह सन् 1914 में स्वर्ग में राजा बना। (दानिय्येल 7:13, 14) यीशु ने राजा बनते ही कार्रवाई शुरू की। बाइबल बताती है: “स्वर्ग पर लड़ाई हुई, मीकाईल [यीशु का एक और नाम] और उसके स्वर्गदूत अजगर [शैतान इब्लीस] से लड़ने को निकले, और अजगर और उसके दूत उस से लड़े।” * नतीजा? शैतान और उसकी दुष्टात्माएँ युद्ध में हार गए और उन्हें स्वर्ग से खदेड़कर धरती पर फेंक दिया गया। उनके निकल जाने से परमेश्वर के वफादार आत्मिक पुत्र, यानी स्वर्गदूत बहुत खुश हुए। मगर धरती पर रहनेवाले इंसानों के हिस्से में ऐसी कोई खुशी नहीं आयी। इसके बजाय, बाइबल कहती है: “हे पृथ्वी, . . . तुम पर हाय! क्योंकि शैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है; क्योंकि [वह] जानता है, कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।”—प्रकाशितवाक्य 12:7, 9, 12. 5 ध्यान दीजिए कि स्वर्ग की उस लड़ाई का धरती पर क्या असर होनेवाला था। शैतान क्रोध और जलन में, धरती पर रहनेवालों पर ढेरों आफतें और हाय लानेवाला था। आप आगे इस बात का सबूत देखेंगे कि आज हम उसी वक्त में जी रहे हैं जब दुनिया पर यह “हाय” पड़नेवाली थी। लेकिन यह वक्त बहुत लंबा नहीं चलेगा क्योंकि बाइबल इसे “थोड़ा ही समय” कहती है। यह बात शैतान भी जानता है। इस थोड़े से समय को बाइबल में ‘अन्तिम दिन’ कहा गया है। (2 तीमुथियुस 3:1) कितनी खुशी की बात है कि यहोवा बहुत जल्द इस धरती को इब्लीस के चंगुल से छुड़ाएगा! आइए उन घटनाओं पर गौर करें जिनके बारे में बाइबल में भविष्यवाणी की गयी थी और जो आज हमारे सामने घट रही हैं। ये घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि हम अंतिम दिनों में जी रहे हैं और परमेश्वर का राज्य बहुत जल्द उन लोगों के लिए सदा की आशीषें लानेवाला है जो यहोवा से प्यार करते हैं। सबसे पहले आइए यीशु के बताए चिन्ह की उन चार खास निशानियों पर गौर करें जो हमारे समय पर लागू होती हैं। अंतिम दिनों में होनेवाली खास घटनाएँ 6, 7. युद्धों और अकाल के बारे में यीशु के शब्द कैसे सच हो रहे हैं? 6 “जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा।” (मत्ती 24:7) पिछली सदी के दौरान हुए युद्धों में लाखों लोगों ने अपनी जान गँवायी है। ब्रिटेन के एक इतिहासकार ने लिखा: “इतिहास दिखाता है कि 20वीं सदी अब तक की सबसे खूनी सदी रही है। . . . यह एक ऐसी सदी थी जिसमें लगातार युद्ध होते रहे, ऐसा वक्त बहुत कम रहा होगा जब दुनिया के किसी कोने में युद्ध न लड़ा जा रहा हो।” दुनिया की घटनाओं का अध्ययन करनेवाले संगठन, वर्ल्डवॉच इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट कहती है: “पहली सदी से लेकर सन् 1899 तक हुए युद्धों में कुल मिलाकर जितने लोग मारे गए, उससे तीन गुना ज़्यादा लोग सिर्फ [20वीं] सदी के युद्धों में मारे गए हैं।” युद्धों की वजह से सन् 1914 से लेकर अब तक 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गँवायी है। अगर आपको अपने किसी एक अज़ीज़ को खोने का दुःख है, तो सोचिए इन लाखों-लाख लोगों को खोनेवालों का दुःख क्या होगा। 7 “जगह जगह अकाल पड़ेंगे।” (मत्ती 24:7) खोजबीन करनेवालों का कहना है कि पिछले 30 सालों में अनाज की पैदावार में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। फिर भी आज दुनिया में सबको भरपेट खाना नहीं मिलता, क्योंकि लोगों के पास न तो खाना खरीदने के लिए पैसे हैं, ना ही अनाज उगाने के लिए ज़मीन। दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें कई दिनों तक खाना नहीं मिलता और उन्हें भूखे पेट रहना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह अनुमान है कि कुपोषण की वजह से हर साल 50 लाख से ज़्यादा बच्चों की मौत हो जाती है। 8, 9. क्या दिखाता है कि भूकंप और बीमारियों के बारे में यीशु की भविष्यवाणियाँ सच हुई हैं? Thank u.
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